भारत, साधकों की भूमि, ११०० वर्षों की पराधीनता, युद्ध, विलय और अपमान के बाद फिर से विश्व गुरु बन्ने
के शिखर पर है। हमारे नेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण ७५ वर्षों से यह फिर से एक स्वतंत्र
देश है और इसने अपनी समृद्ध विविधता, संस्कृतियों, भाषाओं के साथ राष्ट्र के निर्माण की कई चुनौतियों के बीच
खड़े होने की कला सीख ली है। देश को हर क्षेत्र में मजबूत बनाते हुए विविधता में एकता ही हमारा मंत्र है। और पढ़ें
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